उत्तराखंड में 3813 होमस्टे के आवेदन निरस्त; जानें प्रदेश में कितने चल रहे हैं होमस्टे, क्या होते हैं मानक व शर्तें
![](https://uttaravani.com/wp-content/uploads/2024/10/Capture-1.png)
पर्यटन विकास बोर्ड की ओर से स्थानीय लोगों को रोजगार मुहैय्या कराने और पर्यटकों को वाजिब मूल्य पर ठहरने की बेहतर व्यवस्था उपलब्ध कराने के लिए चलाई गई होमस्टे योजना में 3,813 होमस्टे संचालकों ने विभाग की ओर से लागू मानकों का पालन नहीं किया। मानक का पालन न करने वाले होमस्टे का आवेदन निरस्त कर दिया गया। दरअसल, वर्ष 2016 पर्यटन विभाग ने सब्सिडी के अंतर्गत लोगों को होमस्टे संचालित कर रोजगार से जोड़ने की योजना शुरू की थी। इसके लिए पर्यटन विभाग की वेबसाइट में आनलाइन आवेदन करना होता है। आवेदन के लिए विभाग की ओर से शर्तें और मानक रखे गए हैं, जोकि अनिवार्य हैं।
इसके बाद जिला पर्यटन विकास अधिकारी आवदेक के होमस्टे का सत्यापन करते हैं। मानक पूरे मिलने पर होमस्टे का पंजीकरण होता है। वर्तमान में प्रदेश के 13 जिलों में 7,663 होमस्टे संचालित हैं। बेहतर व्यवस्था रखने वाले होमस्टे को ए, बी और सी श्रेणी में रखा जाता है और बाद में विभाग की ओर से उन्हें प्रमाण पत्र भी मिलता है।
भवन स्वामी के न रहने के कारण अधिकांश निरस्त भवन स्वामियों के न रहने के कारण अधिकांश होमस्टे के आवेदन निरस्त हुए हैं। इसके अलावा भवन अन्य व्यक्ति के नाम होने के कारण भी कई होमस्टे के आवेदन निरस्त किए गए हैं।
होमस्टे पंजीकरण की शर्तें
होमस्टे पूरी तरह से आवासीय परिसर हो और भवन स्वामी अपने परिवार सहित वहां रहता हो।
होमस्टे में किराए पर उठाने वाले कक्षों की संख्या अधिकतम छह और न्यूनतम एक हो।
प्रत्येक होमस्टे हवादार व प्रकाशयुक्त होने के साथ शौचालय और विद्युत से लैस हो।
होमस्टे में अग्निशमन सुरक्षा संबंधित उपकरण हो।
आवेदक के नाम पर होमस्टे की रजिस्ट्री हो।
पार्किंग के लिए पर्याप्त जगह हो।
भवन स्वामी पर प्रतिबंध
भवन स्वामी होमस्टे में होटल की तरह स्वागत पटल और काउंटर नहीं लगाएगा।
होमस्टे संचालक ऐसी कोई गतिविधि नहीं करेगा, जिससे आसपास के लोगों को समस्या हो।
होमस्टे संचालक के विषय में भ्रामक, सूचनाएं प्रचलित नहीं करेगा।
होमस्टे संचालक किसी प्रकार की दलाली में संलिप्त नहीं होगा।