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June 30, 2025

उत्तराखंड में अब ट्रैफिक नियमों की धज्जियां उड़ाने वालों की खैर नहीं! ‘आसमान से निगरानी’ में 5514 गाड़ियों के चालान

वाहन चालक अकसर चौराहों पर पुलिसकर्मियों की तैनाती न होने पर यातायात नियमों की धज्जियां उड़ाते देखे जाते हैं। खासकर बिना हेलमेट व जेब्रा क्रासिंग की कोई परवाह तक नहीं करता। उन्हें यह नहीं पता होता कि ड्रोन से उनकी हवाई निगरानी की जा रही है, और यातायात नियम तोड़ने पर उनके चालान किए जा रहे हैं।

ड्रोन की मदद से जाम से निपटने की कोशिश
यातायात पुलिस की ओर से यातायात व्यवस्था को व्यवस्थित बनाने के लिए ड्रोन की मदद ली जा रही है। जहां एक ओर ड्रोन के माध्यम से यातायात जाम की स्थिति में उसको व्यवस्थित करने में सहायता मिल रही है वहीं दूसरी ओर यातायात नियमों का उल्लंघन करने वाले वाहन चालकों के विरुद्ध चालान की कार्रवाई की जा रही है।
ड्रोन से तिराहा व चौराहे पर जेब्रा क्रासिंग पर निरंतर निगरानी रखी जा रही । जेब्रा क्रासिंग का उल्लंघन करने से सड़क पार करने वाले व्यक्तियों को काफी असुविधाओं का सामना करना पड़ता है। इसकी गंभीरता को देखते हुए यातायात पुलिस जनवरी से सितंबर तक आठ माह में जेब्रा क्रासिंग लाइन का उल्लंघन करने वाले 2525 वाहन चालकों के ड्रोन के माध्यम से चालान किए।

बिना हेलमेट वालों के भी चालान
इसी तरह ड्रोन की मदद से ही बिना हेलमेट वाहन चलाने वालों पर भी लगातार निगरानी रखी जा रही है। कुछ वाहन चालक पुलिस की नजर से बचते हुए गलियों से कट मारकर बिना हेलमेट शहर के अंदर प्रवेश कर रहे हैं जिन पर ड्रोन से निगरानी रखी जा रही है। सड़क दुर्घटना में सिर की चोट बचाने के लिए हेलमेट प्रमुख भूमिका निभाता है। इससे व्यक्ति को गंभीर चोटें आने की संभावनाएं रहती है। यातायात पुलिस ने आठ माह में बिना हेलमेट दुपहिया वाहन चलाने वाले 864 वाहन चालकों के विरुद्ध ड्रोन के माध्यम से चालान किए।इसके अलावा अन्य अपराधों में 2125 चालान किए गए।

सड़क हादसे में हर माह 85 लोगों की जाती है जान
सड़क हादसों में प्रति माह 142 हादसों 85 लोगों की जान जाती है। अधिकतर वाहन चालकों की जान हेलमेट न पहनने की वजह से जा रही है। यही कारण है कि वाहन चालक व पीछे बैठी सवारी के लिए हेलमेट अनिवार्य किया गया है। जनवरी से जुलाई तक आंकड़ों पर नजर डाले तो प्रदेश में 1008 दुर्घटनाओं में 600 लोगों की जान गई जबकि 848 लोग घायल हुए। हर साल दुर्घटनाओं व दुर्घटनाओं की मौत के आंकड़ों में बढ़ोतरी हो रही है।